Hindi Kavita
हिंदी कविता
"दिकुप्रेम का रिश्ता"
सुनो दिकु...
में जानता हूँ कि तुम तक मेरी आवाज़ नहीं पहुँच रही
पर में अपनी कोशिश नहीं छोडूंगा
मैंने वादा किया है तुम से
उम्रभर प्यार रहेगा तुम से
दिकुप्रेम का यह रिश्ता में कभी नहीं तोडूंगा
हो सकता है कि कईं दिन बीत जाएँ
बदल जाएंगे साल कईं
ऐसा भी हो कि तुम हो जाओ बेखबर मुज़ से
उझड जाएंगे मेरे सर के बाल कईं
फिर भी में अपनी आस की कलाई कभी नहीं मोडूंगा
उम्रभर प्यार रहेगा तुम से
दिकुप्रेम का यह रिश्ता में कभी नहीं तोडूंगा
शायद यह हो कि मेरे कोई पाप इकट्ठे हुए हो
जिसकी भरपाई कर रहा हूँ
यह मेरे प्रायश्चित का समय हो
जो तुम से बिछड़कर जी रहा हूँ
कभी ना कभी तो यह परीक्षा खत्म होंगी
एक समय पर दिकु तुम अपने प्रेम से ज़रूर मिलोगी
असह्य पीड़ा होने पर भी
में अपना दम नहीं घोटूंगा
उम्रभर प्यार रहेगा तुम से
यह वादा है मेरा
दिकुप्रेम का यह रिश्ता में कभी नहीं तोडूंगा
उम्रभर प्यार रहेगा तुम से
दिकुप्रेम का यह रिश्ता में कभी नहीं तोडूंगा
*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*
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