दिल में रह गया मलाल - प्रेम ठक्कर | Dil mai rah gaya malal - Prem Thakker

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"दिल में रह गया मलाल"

सुनो दिकु...

बीत गया एक और साल
तुम फिर भी ना आये
बस यही छोटा सा
दिल में रह गया मलाल

में भटकता रहा तुम्हारी गलियों में
पर तुम्हें पता न चल सका
तुम्हारी एक झलक की प्रतीक्षा में
खुद को ही कर दिया मैने बेहाल
पर तुम फिर भी ना आये
बस यही छोटा सा
दिल में रह गया मलाल

जिसका कभी हुआ करता था
राजा-सा मित्रो का दरबार
देते थे लोग मेरी मित्रता की भी मिसाल
तुम्हारे जाने से किनारा कर लिया सब से मैंने

खुशियों से हर वक्त महकता ये मन
दिकुप्रेम की दूरी से हो गया है कंकाल
पर तुम फिर भी ना आये
बस यही छोटा सा
दिल में रह गया मलाल
पर तुम फिर भी ना आये
बस यही छोटा सा
दिल में रह गया मलाल
*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*

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