Hindi Kavita
हिंदी कविता
"तुम बिन"
धरा पर तो हैं जीवन के कई रंग,
उसमें से कितने बीतेंगे तेरे संग,
मुश्किल से गुजरते मेरे रात दिन,
जीवन बिल्कुल अधूरा है तुम बिन।।
जुल्फों की छाँव और आँखों की मस्ती,
तुम बिन चलेगी न जीवन की कश्ती,
दिन ये जुदाई के मैं काटूँ गिन-गिन,
जीवन बिल्कुल अधूरा है तुम बिन।।
हाथों का कंगन तेरे पैरों की पायल,
माथे की बिंदिया तेरे आँखों का काजल,
याद तुम्हारी अब सताए रात दिन,
जीवन बिल्कुल अधूरा है तुम बिन।।
तारीफ तुम्हारी मैं करूँ कुछ अगर,
खूबसूरत आँखें पंखुड़ियों से अधर,
तुम न आये तो चैन जाएगा छिन,
जीवन बिल्कुल अधूरा है तुम बिन।।
अभिषेक मिश्र -