Hindi Kavita
हिंदी कविता
"टाइम पास"
अधूरा है जीवन फिर भी है एक छोटी आस,
धरा पर हैं इतने सिंधु फिर भी रहती प्यास,
जीवन के अनमोल क्षणों को जिन पर कुर्बान किया,
वही आज बोल के जा रहे किये थे टाइम पास।।
सारी बातें सारा सब कुछ तो बतला डाला था,
जीवन के हर एक पल को तो उनको दे डाला था,
वो सब कुछ भी कह दिया जो कभी किसी से न कहा,
वो सब भी तो सह लिया जो और कभी भी न सहा,
जाते जाते उनकी इन बातों से है दिल बहुत उदास,
वही आज बोल के जा रहे किये थे टाइम पास।।।
सोचा न था इस जीवन में ये मुकाम भी आएगा,
इतने पवित्र रिश्ते पर ये इल्जाम भी आएगा,
हरदम तो उनसे यही कहा मत छोड़ देना हमको,
पर आज उन्होंने कह ही दिया छोड़ रही हूं मैं तुमको,
कहते हैं रहने न रहने से फ़र्क़ न अब खास,
वही आज बोल के जा रहे किये थे टाइम पास।।।
अभिषेक मिश्र -
(एम०ए०,एम०एस०सी०,डी०एल०एड०)