सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे - अभिषेक मिश्र | Suno priye tum praan mere - Abhishek Mishra

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"सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे"

सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे हो जीवन का आधार,
तुम्ही शब्द हो भाव मेरे हो तुम ही सरकार।
बिना तुम्हारे ये जीवन अब कैसे होगा पार,
सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे हो जीवन का आधार।

तुम्हीं से तो है अधरों की मुस्कुराहटें,
तुम्हीं से तो है ये मेरी सारी चाहतें।
आओ जीवन में तुम मेरे स्वप्न करो साकार,
सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे हो जीवन का आधार।

हूँ मैं अकेला बनो तुम सहारा,
तुम जो हो मेरे तो मैं हूँ तुम्हारा।
सब रिश्तों में तो होती है कुछ न कुछ टकरार,
सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे  हो जीवन का आधार।

अदाओं का तेरी नहीं कोई जबाब,
आँखों में तेरे सिवा नहीं कोई ख्वाब।
ख्याल तुम्हारा ही आये बार बार,
सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे  हो जीवन का आधार।

मिलन जब हमारा तुम्हारा ये होगा,
सोचो फिर ये नजारा क्या होगा।
वो दिन होगा ऐसे जैसे हो कोई त्योहार,
सुनो प्रिये तुम प्राण मेरे हो जीवन का आधार।
                        
अभिषेक मिश्र -

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