Hindi Kavita
हिंदी कविता
"दिकु के झुमके"
सुनो दिकु.....
अनोखे से झुमके तुम्हारे
पल पल याद आते है
आज भी उनकी झणकार का
मेरे कानों में एहसास कराते है
जब चूमना चाहता हूँ उन को स्वप्न में
ना जाने ये कहाँ भाग जाते है
कभी कभी तो बाज़ार में जब उनका रूप देखता हूँ
तब यह बदमाश मुजे बड़ा रुलाते है
मुजे चुप कराने के लिए ये
तुम्हारी हंसी को मेरे ख्यालों में ले आते है
अपनी अदाओं की चमक से
ये फिर से मुजे मनाते है
अनोखे से झुमके तुम्हारे
मुजे हरपल याद आते है
*प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए*
(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Prem Thakker) #icon=(link) #color=(#2339bd)