Hindi Kavita
हिंदी कविता
"मेरे जीवन की प्यास हो"
तुम्हीं आशा की किरण जीवन की, हरपल आसपास हो।
रग रग में तुम्हीं समाई हो,मेरे जीवन की प्यास हो।।
चन्द्र सम मुख है तुम्हारा,दृग हैं दोनों बड़े बड़े।
जब जब कदम पड़े धरा पर,मिट जाएं सब खड़े खड़े।
उदधि वीचि सी चाल तुम्हारी,मनमोहक एहसास हो।
रग रग में तुम्हीं समाई हो, मेरे जीवन की प्यास हो।।
कण -कण पुलकित हो उठे मन का,जब तुम्हारे अधर खुले।
मुख मलिन हो जाता है गर,तुम्हारी कोई न खबर मिले।
संघर्ष पथ की साधना तुम,मर्त्य हृदय की श्वास हो।
रग रग में तुम्हीं समाई हो, मेरे जीवन की प्यास हो।।
खुशबू तुम्हारे केश की ,जैसे सुगंधित धूप हो।
मुख पर तुम्हारे तेज जैसे ममतामयी प्रतिरूप हो।
हर श्वास मेरी पुकारे तुमको, हर क्षण यही आभास हो
रग रग में तुम्ही समाई हो, मेरे जीवन की प्यास हो।।