Hindi Kavita
हिंदी कविता
"मेरा विश्वास"
सुनो दिकु......
बहुत कोशिश की पर दिल नही समझ रहा है
बार बार यह तुम्हें ही देखने की जिद्द कर रहा है
क्यों चली गयी छोड़कर
आज भी वह फरियाद करता है
हाथ जोड़ता है, गिड़गिड़ाता है, हरपल रोता है
जब कुछ नही होता फिर ऊपरवाले से लड़ता है
अब तो आजाओ एकबार
यह ज़िंदा शरीर तुम्हारे लिए दिकु
एक दिन में न जाने कितनी बार मरता है
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए
(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Prem Thakker) #icon=(link) #color=(#2339bd)