Hindi Kavita
हिंदी कविता
"हाल पूछने वाले"
अंधेरी रातों के पीछे,
कुछ पल बाद उजाले।
ऐसे ही बदला करते हैं,
हाल पूछने वाले।।
शुभचिंतक कहलाते हैं,
और शुभ से चिंतित होते।
शुभ को अशुभ बनाते हैं वे,
हाल पूछने वाले।।
हर पर हर क्षण साथ रहें,
पर साथ नहीं रहते हैं।
आग लगे तो घी देते हैं,
हाल पूछने वाले।।
होते हैं हमराज, जानकर,
मन के राज हमारे।
अपने राज राज रख लेते,
हाल पूछने वाले।।
प्राणों की आहुति दे देंगे,
बात सदा करते हैं,
दुम को दबा निकल जाते हैं,
हाल पूछने वाले ।।
अभिषेक मिश्र -