समझता हूँ मैं सब कुछ - अख़्तर अंसारी
समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता
तड़पता हूँ मगर औरों को तड़पाना नहीं आता
ये जमुना की हसीं अमवाज क्यूँ अर्गन बजाती हैं
मुझे गाना नहीं आता मुझे गाना नहीं आता
ये मेरी ज़ीस्त ख़ुद इक मुस्तक़िल तूफ़ान है अख़्तर
मुझे इन ग़म के तूफ़ानों से घबराना नहीं आता
(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Akhtar Ansari) #icon=(link) #color=(#2339bd)