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हिंदी कविता
Parivesh : Hum-Tum - Kunwar Narayan
कुँवर नारायण की कविता संग्रह: परिवेश : हम-तुम - उद्गम!
उद्गम!
तुमसे मिले ताप ने, शीत ने, जल ने
मुझको भविष्य दिया :
अब मैं उन चेष्टाओं की
शेष पूँजी हूँ
जिसे तुम नहीं समय प्राप्त करेगा।
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