कुँवर नारायण की कविता संग्रह: इन दिनों - शहर और आदमी

Hindi Kavita

Hindi Kavita
हिंदी कविता

Kunwar-Narayan-kavita

In Dino - Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: इन दिनों - शहर और आदमी

शहर और आदमी
अपने ख़ूँख़्वार जबड़ों में
दबोचकर आदमी को
उस पर बैठ गया है
एक दैत्य-शहर

सवाल अब आदमी की ही नहीं
शहर की ज़िन्दगी का भी है

उसने बुरी तरह
चीर-फाड़ डाला है मनुष्य को

लेकिन शहर भी अब
एक बिल्कुल फर्क तरह के
मानव-रक्‍त से
प्रभावित हो चुका है

अक्सर उसे भी
एक वीमार आदमी की तरह
दर्द से कराहते हुए सुना गया है।
 

(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Kunwar Narayan) #icon=(link) #color=(#2339bd)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!