कुँवर नारायण की कविता संग्रह: कोई दूसरा नहीं - सम्मेदीन की लड़ाई

Hindi Kavita

Hindi Kavita
हिंदी कविता

Kunwar-Narayan-kavita

Apne Saamne - Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: कोई दूसरा नहीं - सम्मेदीन की लड़ाई

सम्मेदीन की लड़ाई
ख़बर है
कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध
बिल्कुल अकेला लड़ रहा है एक युद्ध
कुराहा गाँव का ख़ब्ती सम्मेदीन

बदमाशों का दुश्मन
जान गवाँ बैठेगा एक दिन
इतना अकड कर अपने को
समाजसेवी कहने वाला सम्मेदीन

यह लड़ाई ज्यादा नहीं चलने की
क्योंकि उसके रहते
चोरों की दाल नहीं गलने की
एक छोटे से चक्रव्यूह में घिरा है वह
और एक महाभारत में प्रतिक्षण
लोहूलुहान हो रहा है सम्मेदीन
भरपूर उजाले में रहे उसकी हिम्मत
दुनिया को खबर रहे
कि एक बहुत बड़े नैतिक साहस का नाम है सम्मेदीन

जल्दी ही वह मारा जाएगा।
सिर्फ़ उसका उजाला लड़ेगा
अंधेरों के ख़िलाफ़... खबर रहे

किस-किस के खिलाफ लड़ते हुए
मारा गया निहत्था सम्मेदीन

बचाए रखना
उस उजाले को
जिसे अपने बाद
जिन्दा छोड़ जाने के लिए
जान पर खेल कर आज
एक लड़ाई लड़ रहा है
किसी गाँव का कोई खब्ती सम्मेदीन
 

(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Kunwar Narayan) #icon=(link) #color=(#2339bd)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!