कुँवर नारायण की कविता संग्रह: अपने सामने - पहले भी आया हूँ

Hindi Kavita

Hindi Kavita
हिंदी कविता

Kunwar-Narayan-kavita

Apne Saamne - Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: अपने सामने - पहले भी आया हूँ

पहले भी आया हूँ
जैसे इन जगहों में पहले भी आया हूँ
बीता हूँ।
जैसे इन महलों में कोई आने को था
मन अपनी मनमानी खुशियां पाने को था।
लगता है
इन बनती-मिटती छायायों में तड़पा हूँ
किया है इंतज़ार
दी हैं सदियां गुज़ार
बार-बार
इन खाली जगहों में भर-भर कर रीता हूँ
रह-रह पछताया हूँ
पहले भी आया हूँ
बीता हूँ।
 

(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Kunwar Narayan) #icon=(link) #color=(#2339bd)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!