Hindi Kavita
हिंदी कविता
Apne Saamne - Kunwar Narayan
कुँवर नारायण की कविता संग्रह: अपने सामने - काफ़ी बाद
काफ़ी बाद
हमेशा की तरह इस बार भी
पुलिस पहुँच गई थी घटनास्थल पर
घटना के काफ़ी बाद
ताकि इतिहास को सही-सही लिखा जा सके
एक पूरी तरह जल चुकी चिता
और पूरी तरह जल चुकी लाशों के सिवाय
अब वहाँ कोई न था गवाह
जिसने अपनी आँखों से देखा हो
उन बूढ़े, जवान, बच्चों को जिन्होंने उत्साह से चिता
बनाई थी
उन लोगों को जिन्होंने मिलकर चिता में आग
लगाई थी
और उन हत्यारों को जिन्होंने कुछ बेबस इनसानों को
लपटों में झोंक झोंक कर होली मनाई थी...
यह सब कहाँ हुआ? इसी देश में।
यह सब क्यों होता है किसी देश में?-
बेल्सेन में-ब्याफ्रा में-बेलची में-वियतनाम में-
बांगला देश में-
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