Hindi Kavita
हिंदी कविता
In Dino - Kunwar Narayan
कुँवर नारायण की कविता संग्रह: इन दिनों - एक ही छलांग में
एक ही छलांग में
कभी नहीं आया उसे संभल कर जीना
ज़रूरतों के मुताबिक
नपे तुले सावधान क़दमों से चलता
तो बहुत कुछ पा सकता था
छोटे-छोटे मन्सूबों से
लेकिन कल्पना की तो ऐसी
कि एक ही छलांग में
छोटी पड़ गई दुनिया
पीछे मुड़ कर देखता
ऐसी तो बड़ी भी न थी कोई छलांग
जितनी छोटी पड़ गई दुनिया!
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