Hindi Kavita
हिंदी कविता
Apne Saamne - Kunwar Narayan
कुँवर नारायण की कविता संग्रह: अपने सामने - डूबते देखा समय को
डूबते देखा समय को
डूबते देखा समय को
जो अभी अभी सूर्य था
अपने में अस्त
मैं, शाम में इस तरह व्यस्त
कि जैसे वह हुई नहीं-मैंने की,
उसके व्यर्थ रंगों को
एक साहसिक योजना दी।
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