कुँवर नारायण की कविता संग्रह: चक्रव्यूह - तृतीय खंड : शीशे का कवच

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Chakravyuh : Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: चक्रव्यूह - तृतीय खंड : शीशे का कवच

तृतीय खंड : शीशे का कवच
प्रश्न
तारों की अंध गलियों में
गूँजता हुआ उद्दंड उपहास...

वह मेरा प्रश्न है :

विशाल आडम्बर,
अपनी चुभती दृष्टि की गर्म खोज में मैंने
प्रश्नाहत जिस विराट हिमपुरुष को
गलते हुए देखा...

क्या वह तेरा उत्तर था?
 

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