Hindi Kavita
हिंदी कविता
Chakravyuh : Kunwar Narayan
कुँवर नारायण की कविता संग्रह: चक्रव्यूह - तृतीय खंड : शीशे का कवच
तृतीय खंड : शीशे का कवच
प्रश्न
तारों की अंध गलियों में
गूँजता हुआ उद्दंड उपहास...
वह मेरा प्रश्न है :
विशाल आडम्बर,
अपनी चुभती दृष्टि की गर्म खोज में मैंने
प्रश्नाहत जिस विराट हिमपुरुष को
गलते हुए देखा...
क्या वह तेरा उत्तर था?
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