कुँवर नारायण की कविता संग्रह: कोई दूसरा नहीं - अन्तिम परिच्छेद में

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Apne Saamne - Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: कोई दूसरा नहीं - अन्तिम परिच्छेद में

अन्तिम परिच्छेद में
कल्पना करो कि तुम सुखी हो
जीवन के अन्तिम परिच्छेद में

कथानक पीछे लौट रहा
मृत्यु से जीवन की ओर

पार करते हुए
कठिनाइयों के अथाह दुर्ग को
वहाँ पहुँच रहा
जहाँ वे दोनों
एक दूसरे से मिल कर
एक हो जाते हैं

वह अतिरेक अब
उनमें समा नहीं पा रहा

वह एक खुशी का जन्म है
एक असह्य पीड़ा से।
 

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