Rahat Indori ka jivan parichay राहत इन्दौरी का जीवन परिचय

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Rahat Indori ka jivan parichay
राहत इन्दौरी का जीवन परिचय 

डॉ. राहत इन्दौरी (1 जनवरी 1950-11 अगस्त 2020) भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार हैं। उनका जन्म इंदौर में कपड़ा मिल के कर्मचारी के यहाँ हुआ।  डॉ. राहत इन्दौरी के पिता का नाम रफ्तुल्लाह कुरैशी और माता का नाम मकबूल उन निशा बेगम था । उनके एक बड़े भाई अकील और एक छोटे भाई आदिल हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एम.ए. किया। डॉ. राहत इन्दौरी ने सं 1985 में भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। शुरुवाती समय मे उन्होंने मुशायरों पर ध्यान दिया। परन्तु अपनी प्रतिभा के चलते जल्दी ही ख्याति प्राप्त हुई और आगे चल कर  उर्दू साहित्य के प्रसिद्ध शायर बन गए। 11 अगस्त 2020 को कोरोनावायरस के सक्रमण के चलते उनका निधन हो गया। 

राहत इन्दौरी की प्रमुख रचनाएँ | Rahat Indori Famous Poetry

धूप-धूप - राहत इन्दौरी

नाराज़ - राहत इन्दौरी

रुत - राहत इन्दौरी

धूप बहुत है - राहत इन्दौरी

चाँद पागल है - राहत इन्दौरी

मौजूद - राहत इन्दौरी

मेरे बाद - राहत इन्दौरी

चुनिंदा ग़ज़ल - राहत इन्दौरी

वसीम बरेलवी की चुनिंदा ग़ज़ल - मेरा क्या

धूप बहुत है मौसम जल थल भेजो ना - राहत इन्दौरी

सिर्फ़ सच और झूठ की मीज़ान में रक्खे रहे - राहत इन्दौरी

सर पर सात आकाश ज़मीं पर सात समुंदर बिखरे हैं - राहत इन्दौरी

हंसते रहते हैं मुसलसल हम-तुम - राहत इन्दौरी

हौसले ज़िंदगी के देखते हैं - राहत इन्दौरी

हमें दिन-रात मरना चाहिए था - राहत इन्दौरी

दाव पर मैं भी, दाव पर तू भी है - राहत इन्दौरी

कौन दरियाओं का हिसाब रखे - राहत इन्दौरी

मेरे मरने की ख़बर है उसको - राहत इन्दौरी

सर पर बोझ अँधियारों का है मौला ख़ैर - राहत इन्दौरी

हमें अब इश्क़ का चाला पड़ा है - राहत इन्दौरी

पुराने शहर के मंज़र निकलने लगते हैं - राहत इन्दौरी

अपने दीवार-ओ-दर से पूछते हैं - राहत इन्दौरी

हमने ख़ुद अपनी रहनुमाई की - राहत इन्दौरी

शजर हैं अब समर आसार मेरे - राहत इन्दौरी

इधर की शय उधर कर दी गई है - राहत इन्दौरी

पाँव से आसमान लिपटा है - राहत इन्दौरी

सफ़र में जब भी इरादे जवान मिलते हैं - राहत इन्दौरी

ऊँचे-ऊँचे दरबारों से क्या लेना - राहत इन्दौरी

काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं - राहत इन्दौरी

किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है - राहत इन्दौरी

शराब छोड़ दी तुमने कमाल है ठाकुर - राहत इन्दौरी

मोहब्बतों के सफ़र पर निकल के देखूँगा - राहत इन्दौरी

जितना देख आये हैं अच्छा है यही काफ़ी है - राहत इन्दौरी

सब को रुस्वा बारी बारी किया करो - राहत इन्दौरी

मौत की तफ़सील होनी चाहिये - राहत इन्दौरी

दिये जलाये तो अंजाम क्या हुआ मेरा - राहत इन्दौरी

सिर्फ़ ख़ंजर ही नहीं आँखों में पानी चाहिए - राहत इन्दौरी

धर्म बूढ़े हो गए मज़हब पुराने हो गए - राहत इन्दौरी

मेरी तेज़ी, मेरी रफ़्तार हो जा - राहत इन्दौरी

उसे अब के वफ़ाओं से गुज़र जाने की जल्दी थी - राहत इन्दौरी

तेरे वादे की तेरे प्यार की मोहताज नहीं - राहत इन्दौरी

ऊँघती रहगुज़र के बारे में - राहत इन्दौरी

दरबदर जो थे वह दीवारों के मालिक हो गये - राहत इन्दौरी

दो गज़ टुकड़ा उजले-उजले बादल का - राहत इन्दौरी

दुआओं में वह तुम्हें याद करने वाला है - राहत इन्दौरी

सबब वह पूछ रहे हैं उदास होने का - राहत इन्दौरी

अँधेरे चारों तरफ़ सांय-सांय करने लगे - राहत इन्दौरी

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है - राहत इन्दौरी

रात की धड़कन जब तक जारी रहती है - राहत इन्दौरी

बैर दुनिया से क़बीले से लड़ाई लेते - राहत इन्दौरी

तो क्या बारिश भी ज़हरीली हुई है - राहत इन्दौरी

चराग़ों को उछाला जा रहा है - राहत इन्दौरी

ये सर्द रातें भी बन कर अभी धुआँ उड़ जाएँ - राहत इन्दौरी

खुश्क दरियाओं में हल्की सी रवानी और है - राहत इन्दौरी

हर मुसाफ़िर है सहारे तेरे - राहत इन्दौरी

ये हर सू जो फ़लक-मंज़र खड़े हैं - राहत इन्दौरी

अब अपनी रूह के छालों का कुछ हिसाब करूँ - राहत इन्दौरी

ज़िन्दगी उम्र से बड़ी तो नहीं - राहत इन्दौरी

हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते - राहत इन्दौरी

मुझे डुबो के बहुत शर्मसार रहती है - राहत इन्दौरी

सवाल घर नहीं बुनियाद पर उठाया है - राहत इन्दौरी

नाम लिक्खा था आज किस-किस का - राहत इन्दौरी

जितने अपने थे, सब पराए थे - राहत इन्दौरी

उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो - राहत इन्दौरी

पहली शर्त जुदाई है - राहत इन्दौरी

दरमियाँ एक ज़माना रखा जाए - राहत इन्दौरी

मौसम की मनमानी है - राहत इन्दौरी

नींदें क्या-क्या ख़्वाब दिखाकर ग़ायब हैं - राहत इन्दौरी

शाम से पहले शाम कर दी है - राहत इन्दौरी

पुराने दाँव पर हर दिन नए आँसू लगाता है - राहत इन्दौरी

बढ़ गई है कि घट गई दुनिया - राहत इन्दौरी

नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी में - राहत इन्दौरी

शाम होती है तो पलकों पे सजाता है मुझे - राहत इन्दौरी

मुझमें कितने राज़ हैं बतलाऊँ क्या - राहत इन्दौरी

उठी निगाह तो अपने ही रू-ब-रू हम थे - राहत इन्दौरी

मसअला प्यास का यूं हल हो जाए - राहत इन्दौरी

वो कभी शहर से गुज़रे तो ज़रा पूछेंगे - राहत इन्दौरी

नज़ारा देखिये कलियों के फूल होने का - राहत इन्दौरी

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए - राहत इन्दौरी

मौसम बुलाएंगे तो सदा कैसे आएगी - राहत इन्दौरी

यहाँ कब थी जहाँ ले आई दुनिया - राहत इन्दौरी

ज़िंदगी की हर कहानी बे-असर हो जाएगी - राहत इन्दौरी

बरछी लेकर चाँद निकलने वाला है - राहत इन्दौरी

तेरा मेरा नाम ख़बर में रहता था - राहत इन्दौरी

इक नया मौसम नया मंज़र खुला - राहत इन्दौरी

मौसमों का ख़याल रक्खा करो - राहत इन्दौरी

मुआफ़िक़ जो फ़िज़ा तैयार की है - राहत इन्दौरी

चराग़ों का घराना चल रहा है - राहत इन्दौरी

तूफ़ां तो इस शहर में अक्सर आता है - राहत इन्दौरी

ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती - राहत इन्दौरी

ज़मीं बालिश्त भर होगी हमारी - राहत इन्दौरी

ये आईना फ़साना हो चुका है - राहत इन्दौरी

वसीम बरेलवी की चुनिंदा ग़ज़ल - नाराज़

हर मुसाफ़िर है सहारे तेरे - राहत इन्दौरी

जितने अपने थे, सब पराए थे - राहत इन्दौरी

सिर्फ़ सच और झूठ की मीज़ान में रक्खे रहे - राहत इन्दौरी

धूप बहुत है मौसम जल थल भेजो न - राहत इन्दौरी

सर पर सात आकाश, ज़मीं पर सात समुंदर बिखरे हैं - राहत इन्दौरी

सवाल घर नहीं बुनियाद पर उठाया है - राहत इन्दौरी

उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो - राहत इन्दौरी

मुझे डुबो के बहुत शर्मसार रहती है - राहत इन्दौरी

हंसते रहते हैं मुसल्सल हम तुम - राहत इन्दौरी

दरमियां इक ज़माना रक्खा जाए - राहत इन्दौरी

हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते - राहत इन्दौरी

हौसले ज़िंदगी के देखते हैं - राहत इन्दौरी

हमें दिन-रात मरना चाहिए था - राहत इन्दौरी

दांव पर मैं भी, दांव पर तू भी है - राहत इन्दौरी

बैठे बैठे कोई ख़याल आया - राहत इन्दौरी

बैठे बैठे कोई ख़याल आया - राहत इन्दौरी

मौसम की मनमानी है - राहत इन्दौरी

नाम लिखा था आज किस किस का - राहत इन्दौरी

मेरे मरने की ख़बर है उसको - राहत इन्दौरी

सर पर बोझ अँधियारों का है मौला ख़ैर - राहत इन्दौरी

हमें अब इश्क़ का चाला पड़ा है - राहत इन्दौरी

पुराने शहर के मंज़र निकलने लगते हैं - राहत इन्दौरी

ज़िंदगी की हर कहानी बे-असर हो जाएगी - राहत इन्दौरी

अपने दीवार-ओ-दर से पूछते हैं - राहत इन्दौरी

हमने ख़ुद अपनी रहनुमाई की - राहत इन्दौरी

यहाँ कब थी जहाँ ले आई दुनिया - राहत इन्दौरी

मौसम बुलाएंगे तो सदा कैसे आएगी - राहत इन्दौरी

शजर हैं अब समर आसार मेरे - राहत इन्दौरी

यह आईना फ़साना हो चुका है - राहत इन्दौरी

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए - राहत इन्दौरी

इधर की शय उधर कर दी गई है - राहत इन्दौरी

नज़ारा देखिये कलियों के फूल होने का - राहत इन्दौरी

पाँव से आसमान लिपटा है - राहत इन्दौरी

सफ़र में जब भी इरादे जवान मिलते हैं - राहत इन्दौरी

उठी निगाह तो अपने ही रू-ब-रू हम थे - राहत इन्दौरी

ऊँचे-ऊँचे दरबारों से क्या लेना - राहत इन्दौरी

काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं - राहत इन्दौरी

किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है - राहत इन्दौरी

कैसा नारा कैसा क़ौल अल्लाह बोल - राहत इन्दौरी

शराब छोड़ दी तुमने कमाल है ठाकुर - राहत इन्दौरी

मसअला प्यास का यूं हल हो जाये - राहत इन्दौरी

वह कभी शहर से गुज़रे तो ज़रा पूछेंगे - राहत इन्दौरी

मोहब्बतों के सफ़र पर निकल के देखूँगा - राहत इन्दौरी

जितना देख आये हैं अच्छा है, यही काफ़ी है - राहत इन्दौरी

मौत की तफ़सील होनी चाहिये - राहत इन्दौरी

एक नया मौसम नया मंज़र खुला - राहत इन्दौरी

दिये जलाये तो अन्जाम क्या हुआ मेरा - राहत इन्दौरी

धर्म बूढ़े हो गए मज़हब पुराने हो गए - राहत इन्दौरी

तूफ़ां तो इस शहर में अक्सर आता है - राहत इन्दौरी

चराग़ों का घराना चल रहा है - राहत इन्दौरी

मेरी तेज़ी, मेरी रफ़्तार हो जा - राहत इन्दौरी

नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी में - राहत इन्दौरी

मौक़ा है इस बार रोज़ मना त्योहार - राहत इन्दौरी

शाम होती है तो पलकों पे सजाता है मुझे - राहत इन्दौरी

ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नइ होती - राहत इन्दौरी

नींदें क्या-क्या ख़्वाब दिखाकर ग़ायब हैं - राहत इन्दौरी

शाम से पहले शाम कर दी है - राहत इन्दौरी

पुराने दाँव पर हर दिन नए आँसू लगाता है - राहत इन्दौरी

तेरे वादे की तेरे प्यार की मोहताज नहीं - राहत इन्दौरी

हवा खुद अब के हवा के खिलाफ़ है जानी - राहत इन्दौरी

तेरा मेरा नाम ख़बर में रहता था - राहत इन्दौरी

मुझमें कितने राज़ हैं बतलाऊँ क्या - राहत इन्दौरी

दुआओं में वह तुम्हें याद करने वाला है - राहत इन्दौरी

सबब वह पूछ रहे हैं उदास होने का - राहत इन्दौरी

अँधेरे चारों तरफ़ सांय-सांय करने लगे - राहत इन्दौरी

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है - राहत इन्दौरी

बरछी ले कर चांद निकलने वाला है - राहत इन्दौरी

रात की धड़कन जब तक जारी रहती है - राहत इन्दौरी

एक दो आसमान और सही - राहत इन्दौरी

बैर दुनिया से क़बीले से लड़ाई लेते - राहत इन्दौरी

तो क्या बारिश भी ज़हरीली हुई है - राहत इन्दौरी

चराग़ों को उछाला जा रहा है - राहत इन्दौरी

ये सर्द रातें भी बन कर अभी धुआँ उड़ जाएँ - राहत इन्दौरी

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