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Dr Muhammad Iqbal ka jeevan parichayडॉ. अलामा मुहम्मद इकबाल का जीवन परिचय
डॉक्टर मुहम्मद इकबाल को अल्लामा इकबाल के नाम के साथ भी जाना जाता है। उनका जन्म 9 नवंबर, 1977 को सियालकोट में हुआ । उनका देहांत 21 अप्रैल, 1937 को हुआ । वह विश्व प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक थे। उन्होंने उर्दू और फ़ारसी में कविता की रचना की। उनका लिखा तराना-ए-हिंद (सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा) आज भी बहुत हरमन प्यारा है।
डॉक्टर मुहम्मद इकबाल की काव्य रचनायें हैं
असरार-ए-ख़ुदी,
रुमूज़-ए-बेख़ुदी और बाँग-ए-दरा।
उन का 'ख़ुदी' का तसव्वुर कुरान शरीफ़ में आता 'रूह' का तसव्वुर ही है। चाहे वह कट्टर मुसलमान थे, परन्तु उन्होंने दूसरे धर्मों के महापुरुषों जैसे कि राम, गौतम बुद्ध और गुरू नानक देव जी बारे भी बड़े प्यार और सत्कार के साथ लिखा है। वह अपने आप को बाहरी तौर पर दुनियादार और अंदरूनी तौर पर सपने देखने वाला, दार्शनिक और रहस्यवादी कहते थे।
डॉ. अलामा मुहम्मद इकबाल की ग्रन्थसूची
उर्दू में किताबें (गद्य)
- इल्म उल इकतिसाद (1903)
अंग्रेजी में किताबें प्रस्तावित करें
- फारस में मेटाफिजिक्स का विकास (1908)
- इस्लाम में धार्मिक विचारों का पुनर्निर्माण (1930)
फारसी में कविता किताबें
- असरार-ए-खुदी (1915)
- रुमूज़-ए-बेखुदी (1917)
- पयाम-ए-मशरिक़ (1923)
- ज़बूर-ए-अजम (1927)
- जावीद नामा (1932)
- पास चेह बेद कार्ड एआई अकवाम-ए-शर्क (1936)
- अर्मागन-ए-हिजाज़ (1938) (फारसी और उर्दू में)
उर्दू में कविता किताबें
- बांग-ए-दरा (1924)]
- बाल-ए-जिब्रील (1935)
- ज़र्ब-ए-कलीम (1936)
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