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Tarashankar Bandyopadhyay ka jeevan parichay
ताराशंकर बंद्योपाध्याय का जीवन परिचय
Tarashankar Bandyopadhyay | ताराशंकर बंधोपाध्याय (23 जुलाई, 1898-14 सितम्बर, 1971) Jnanpith Award ज्ञानपीठ पुरस्कार बांग्ला साहित्यकार हैं। ताराशंकर बंद्योपाध्याय का विवाह 1916 में उमाशशी देवी से हुआ था। उनके सबसे बड़े बेटे सनतकुमार बंद्योपाध्याय का जन्म 1918 में हुआ था, सबसे छोटे बेटे सरितकुमार बंद्योपाध्याय का जन्म 1922 में हुआ था, सबसे बड़ी बेटी गंगा का जन्म 1924 में हुआ था; दूसरी बेटी बुलु का जन्म 1926 में हुआ था लेकिन 1932 में उनकी मृत्यु हो गई; सबसे छोटी बेटी बानी का जन्म 1932 में हुआ था । उन्हें 'गणदेवता' के लिए १९६६ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ताराशंकर बंधोपाध्याय को साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके द्वारा रचित उपन्यास 'आरोग्य निकेतन' के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी मुख्य रचनाएँ हैं: 'आरोग्य निकेतन', 'गणदेवता', चैताली घुरनी, चंपादनगर बोउ, निशिपोद्दो आदि ।
ताराशंकर बंद्योपाध्याय बांग्ला कहानियाँ हिन्दी में | Tarashankar Bandyopadhyay Bangla Stories in Hindi |
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