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यदि लक्ष्य तुम्हारा नशा नहीं- सुव्रत शुक्ल | Yadi Laksh Tumhara Nasha Nahi - Suvrat Shukla
है कौन वीर दुनिया का वह,
जिस पर भी यह जग हंसा नहीं।
फिर व्यर्थ तुम्हारा जीना है,
यदि लक्ष्य तुम्हारा नशा नहीं।।
कहने वाले कह जाएंगे,
करना तुम इनपर ध्यान नहीं।
बस ध्यान रहे उन सपनों का,
उनके बिन जीना कभी नहीं।।
न लगी आग दिल में तेरे,
और व्याल जीत का डसा नहीं।
तो पुरुष नहीं , कायर हो तुम,
यदि लक्ष्य तुम्हारा नशा नहीं।।
आएंगे पथ में बहुत मोड़,
दुःख के सुख के भी कभी कभी,
साहस को तुम जीवित रखना,
हारा वो ही जो लड़ा नहीं।
चलते चलते थक जाना पर,
हौसला कभी भी थके नही।
जीवन निर्मूल्य तुम्हारा है,
यदि लक्ष्य तुम्हारा नशा नहीं।
- सुव्रत शुक्ल
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