फिर कबीर - मुनव्वर राना | Phir Kabir - Munnawar Rana

Hindi Kavita

Hindi Kavita
हिंदी कविता

Munnawar-Rana

फिर कबीर - मुनव्वर राना | Phir Kabir - Munnawar Rana

माँ(फिर कबीर) - मुनव्वर राना

बचपन-1 - मुनव्वर राना

बचपन-2 - मुनव्वर राना

बचपन-3 - मुनव्वर राना

बचपन-4 - मुनव्वर राना

कई घरों को निगलने के बाद आती है - मुनव्वर राना

मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता - मुनव्वर राना

जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई - मुनव्वर राना

अमीरे-शहर को तलवार करने वाला हूँ - मुनव्वर राना

कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नहीं देखा - मुनव्वर राना

समझौतों की भीड़भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया - मुनव्वर राना

हम कभी जब दर्द के किस्से सुनाने लग गये - मुनव्वर राना

तुझ में सैलाबे-बला थोड़ी जवानी कम है - मुनव्वर राना

आँखों में कोई ख़्वाब सुनहरा नहीं आता - मुनव्वर राना

तू कभी देख तो रोते हुए आकर मुझको- मुनव्वर राना

अगर दौलत से ही सब क़द का अंदाज़ा लगाते हैं - मुनव्वर राना

कुछ मेरी वफ़ादारी का इनआम दिया जाए - मुनव्वर राना

न मैं कंघी बनाता हूँ न मैं चोटी बनाता हूँ - मुनव्वर राना

मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता - मुनव्वर राना

हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है - मुनव्वर राना

मेरी थकन के हवाले बदलती रहती है - मुनव्वर राना

नाकामियों के बाद भी हिम्मत वही रही - मुनव्वर राना

जगमगाते हुए शहरों को तबाही देगा - मुनव्वर राना

हमारा तीर कुछ भी हो निशाने तक पहुँचता है - मुनव्वर राना

जब कभी धूप की शिद्दत ने सताया मुझको - मुनव्वर राना

उम्मीद भी किरदार पे पूरी नहीं उतरी - मुनव्वर राना

इतना रोये थे लिपट कर दरो दीवार से हम - मुनव्वर राना

हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते - मुनव्वर राना

ख़ूबसूरत झील में हँसता कँवल भी चाहिए- मुनव्वर राना

किसी भी ग़म के सहारे नहीं गुज़रती है - मुनव्वर राना

कई घर हो गए बरबाद ख़ुद्दारी बचाने में - मुनव्वर राना

उड़के यूँ छत से कबूतर मेरे सब जाते हैं - मुनव्वर राना

मुझको गहराई में मिट्टी की उतर जाना है - मुनव्वर राना

तुम्हारे जिस्म की ख़ुशबू गुलों से आती है - मुनव्वर राना

वो मुझे जुर्रते-इज़हार से पहचानता है - मुनव्वर राना

गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते - मुनव्वर राना

हमारी दोस्ती से दुश्मनी शरमाई रहती है - मुनव्वर राना

ऐन ख़्वाहिश के मुताबिक सब उसी को मिल गया - मुनव्वर राना

बस इतनी बात पर उसने हमें बलवाई लिक्खा है - मुनव्वर राना

क़सम देता है बच्चों की बहाने से बुलाता है - मुनव्वर राना

धँसती हुई क़ब्रों की तरफ़ देख लिया था - मुनव्वर राना

सरक़े का कोई दाग़ जबीं पर नहीं रखता- मुनव्वर राना

यह एहतेराम तो करना ज़रूर पड़ता है - मुनव्वर राना

बुलन्दी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है - मुनव्वर राना

मियाँ मैं शेर हूँ शेरों की गुर्राहट नहीं जाती - मुनव्वर राना

अना की मोहनी सूरत बिगाड़ देती है - मुनव्वर राना

मेरी मज़लूमियत पर ख़ून पत्थर से निकलता है - मुनव्वर राना

हम दोनों में आँखें कोई कोई गीली नहीं करता - मुनव्वर राना

तेरे चेहरे पे कोई ग़म नहीं देखा जाता - मुनव्वर राना

उदास रहता है बैठा शराब पीता है - मुनव्वर राना

जो हुक़्म देता है वो इल्तिजा भी करता है - मुनव्वर राना

हालाँकि हमें लौट के जाना भी नहीं है - मुनव्वर राना

सफ़र में जो भी हो रख़्ते सफ़र उठाता है - मुनव्वर राना

फ़रिश्ते आ के उनके जिस्म पर झाड़ू लगाते हैं - मुनव्वर राना

किसी भी मोड़ पर तुम से वफ़ादारी नहीं होगी - मुनव्वर राना

उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है - मुनव्वर राना

चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है - मुनव्वर राना

महब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है - मुनव्वर राना

तुम उचटती -सी एक नज़र डालो - मुनव्वर राना

हमारी ज़िन्दगी का इस तरह हर साल कटता है - मुनव्वर राना

तुम्हारे पास ही रहते न छोड़कर जाते - मुनव्वर राना

सरक़े का कोई शेर ग़ज़ल में नहीं रक्खा - मुनव्वर राना

कभी थकन के असर का पता नहीं चलता - मुनव्वर राना

मेरी चाहत का फ़क़ीरी से सिरा मिलता है - मुनव्वर राना

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए - मुनव्वर राना

फ़क़ीरों में उठे बैठे हैं शाहाना गुज़ारी है - मुनव्वर राना

घर में रहते हुए ग़ैरों की तरह होती हैं - मुनव्वर राना

खण्डहर-से दिल में फिर कोई तमन्ना घर बनाती है - मुनव्वर राना

कहीं पर छुप के रो लेने को तहख़ाना भी होता था - मुनव्वर राना

अलमारी से ख़त उसके पुराने निकल आये - मुनव्वर राना

न कमरा जान पाता है न अंगनाई समझती है - मुनव्वर राना

घरों में यूँ सयानी लड़कियाँ बेचैन रहती हैं - मुनव्वर राना

मौला ये तमन्ना है कि जब जान से जाऊँ - मुनव्वर राना

अश्आर - मुनव्वर राना

(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Munawwar Rana) #icon=(link) #color=(#2339bd)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!