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गिरिजा कुमार माथुर का जीवन परिचय
Girija Kumar Mathur ka jeevan parichay
गिरिजाकुमार माथुर का जन्म २२ अगस्त 1919 ग्वालियर जिले के अशोक नगर कस्बे में हुआ। वे कवि, नाटककार और समालोचक के रूप में जाने जाते हैं। उनके पिता देवीचरण माथुर अध्यापक थे तथा साहित्य एवं संगीत के शौकीन थे। वे कविता भी लिखा करते थे। माता लक्ष्मीदेवी भी शिक्षित थीं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। १९४१ में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में एम.ए. किया तथा वकालत की परीक्षा भी पास की। सन १९४० में गिरिजा कुमार माथुर का विवाह कवयित्री शकुन्त माथुर से हुआ।
वे विद्रोही काव्य परम्परा के रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा नवीन आदि की रचनाओं से अत्यधिक प्रभावित हुए। उनके द्वारा रचित तार सप्तक, मंदार, मंजीर, नाश और निर्माण, धूप के धान, शिलापंख चमकीले आदि काव्य-संग्रह तथा खंड काव्य पृथ्वीकल्प प्रकाशित हुए हैं। उनका लिखा गीत "हम होंगे कामयाब" समूह गान के रूप में अत्यंत लोकप्रिय है।१९९१ में "मै वक्त के सामने" के लिए हिंदी का साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा १९९३ में बिरला फ़ाउंडेशन द्वारा व्यास सम्मान प्रदान किया गया।
गिरिजा कुमार माथुर की रचनाएँ
तार सप्तक - गिरिजा कुमार माथुर
धूप के धान - गिरिजा कुमार माथुर
प्रसिद्ध रचनाएँ - गिरिजा कुमार माथुर
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