Hindi Kavita
हिंदी कविता
सिर्फ तेरा नाम लेकर रह गया - वसीम बरेलवी
Sirf Tera Naam Le Kar Rah Gaya - Waseem Barelvi
सिर्फ तेरा नाम लेकर रह गया
आज दीवाना बहुत कुछ कह गया
क्या मेरी तक़्दीर मे मंज़िल नही
फ़ािसला क्यों मुसकुराकर रह गया
िज़न्दगी दुनिया है ऐसा अश्क था
जो ज़रा पलकों पे ठहरा, बह गया
और क्या था, उसकी पुरिसश का जवाब
अपने ही आंसू छु पाकर रह गया
उससे पूछ ऐ कामयाब-ए-िज़न्दगी
जिस का अफ़्साना अधूरा रह गया
हाय! क्या दीवानगी थी ऐ 'वसीम'
जो न कहना चािहए था, कह गया
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