मेरा क्या - वसीम बरेलवी Mera Kya - Wasim Barelvi

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मेरा क्या - वसीम बरेलवी, पुस्तक में संकलित रचनाएँ
Mera Kya - Wasim Barelvi Book Poetry
Wasim-Barelvi

वसीम बरेलवी की चुनिंदा ग़ज़ल - मेरा क्या

भूमिका - वसीम बरेलवी

मुझ से मुझ तक - वसीम बरेलवी

ज़रा सा क़तरा कहीं - वसीम बरेलवी

खुल के मिलने का सलीक़ा आप को आता नहीं - वसीम बरेलवी

तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा - वसीम बरेलवी

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है - वसीम बरेलवी

अच्छा है जो मिला वह कहीं छूटता गया - वसीम बरेलवी

भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे - वसीम बरेलवी

क़तरा अब एहतिजाज करे भी तो क्या मिले - वसीम बरेलवी

सभी का धूप से बचने को सर नहीं होता - वसीम बरेलवी

कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा - वसीम बरेलवी

दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता - वसीम बरेलवी

अब ऐसा घर के दरीचों को बन्द क्या रखना - वसीम बरेलवी

मैं आसमाँ पे बहुत देर रह नहीं सकता - वसीम बरेलवी

हम अपने आप को इक मसअला बना न सके - वसीम बरेलवी

वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता - वसीम बरेलवी

चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो - वसीम बरेलवी

हमारा अज़्म-ए-सफ़र कब किधर का हो जाए - वसीम बरेलवी

ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है - वसीम बरेलवी

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते - वसीम बरेलवी

आवाज़ से लबों का बहुत फ़ासिला न था - वसीम बरेलवी

अपने साए को इतना समझाने दे - वसीम बरेलवी

जीते हैं किरदार नहीं है - वसीम बरेलवी

वह जो हर आंख को पैमाने नज़र आये है - वसीम बरेलवी

अपने अंदाज़ का अकेला था - वसीम बरेलवी

वो प्यार जिसके लिए हमने क्या गंवा न दिया - वसीम बरेलवी

मेरी धूपों के सर को रिदा कौन दे - वसीम बरेलवी

वो बे-हिसी के दिन आये कि कुछ हुआ न लगा - वसीम बरेलवी

कुछ इतना ख़ौफ़ का मारा हुआ भी प्यार न हो - वसीम बरेलवी

क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता - वसीम बरेलवी

कहाँ सवाब कहाँ क्या अज़ाब होता है - वसीम बरेलवी

मैं जिसे चाहूँ जिऊँ मेरी ज़िन्दगी है मियां - वसीम बरेलवी

हद से बढ़ के तअल्लुक़ निभाया नहीं - वसीम बरेलवी

उदास एक मुझी को तो कर नहीं जाता - वसीम बरेलवी

तू भी बिखरना सीख ले - वसीम बरेलवी

सोचें, तो ख़ुद से शरमायें - वसीम बरेलवी

तुमसे मिलने को चेहरे बनाने पड़े - वसीम बरेलवी

ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नहीं - वसीम बरेलवी

रात के हाथ से दिन निकलने लगे - वसीम बरेलवी

जो मिला उसको तअल्लुक़ का गुमां रहने दिया - वसीम बरेलवी

क़तरा हूँ, अपनी हद से गुज़रता नहीं - वसीम बरेलवी

क्या बताऊं खुद को कैसे दर बदर मैंने किया - वसीम बरेलवी

सिर्फ तेरा नाम लेकर रह गया - वसीम बरेलवी

कभी लफ़्ज़ों से गद्दारी न करना - वसीम बरेलवी

मुझे बता दे मेरा दौर मुख़्तसर कर दे - वसीम बरेलवी

लहू न हो तो क़लम तर्जुमां नहीं होता - वसीम बरेलवी

वसीम बरेलव की चुनिंदा ग़ज़ल

मिली हवाओं में उड़ने की- वसीम बरेलवी

मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले - वसीम बरेलवी

मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा - वसीम बरेलवी

अपने हर लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा - वसीम बरेलवी

खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं - वसीम बरेलवी

क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता - वसीम बरेलवी

कही सुनी पे बहुत एतबार करने लगे - वसीम बरेलवी

हुस्न बाज़ार हुआ क्या कि हुनर ख़त्म हुआ - वसीम बरेलवी

रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे - वसीम बरेलवी

तुझको सोचा तो पता हो गया रुसवाई को - वसीम बरेलवी

मैं अपने ख़्वाब से बिछ्ड़ा नज़र नहीं आता - वसीम बरेलवी

क्या बताऊं कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया - वसीम बरेलवी

कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा - वसीम बरेलवी

कौन-सी बात कहाँ , कैसे कही जाती है - वसीम बरेलवी

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते - वसीम बरेलवी

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