हद से बढ़ के तअल्लुक़ निभाया नहीं - वसीम बरेलवी had se badh ke taalluq nibhaaya nahin - Waseem Barelvi

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हद से बढ़ के तअल्लुक़ निभाया नहीं - वसीम बरेलवी
had se badh ke taalluq nibhaaya nahin - Waseem Barelvi


हद से बढ़ के तअल्लुक़ निभाया नहीं
मैंने इतना भी खुद को गंवाया नहीं

जाते जाते मुझे कैसा हक़ दे गया
वो पराया भी हो के पराया नहीं

प्यार को छोड़ के बाक़ी हर खेल में
जितना खोना पड़ा, उतना पाया नहीं।

Wasim-Barelvi

वापसी का सफ़र कितना दुश्वार था
चाहकर भी उसे भूल पाया नहीं

उम्र सारी तमाशों में गुज़री मगर
मैंने खुद को तमाशा बनाया नहीं

ज़िन्दगी का ये लम्बा सफ़र और 'वसीम'
ज़ेब में दो क़दम का किराया नहीं।

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