भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे - वसीम बरेलवी Bhala Gamo Se Kahan Haar Jaane Wale - Waseem Barelvi

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भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे - वसीम बरेलवी
Bhala Gamo Se Kahan Haar Jaane Wale - Waseem Barelvi


भला ग़मों से कहाँ हार जाने वाले थे
हम आँसुओं की तरह मुस्कुराने वाले थे

हमीं ने कर दिया ऐलान-ए-गुमरही वर्ना
हमारे पीछे बहुत लोग आने वाले थे

उन्हें तो ख़ाक में मिलना ही था कि मेरे थे
ये अश्क कौन से ऊँचे घराने वाले थे
Wasim-Barelvi

उन्हें क़रीब न होने दिया कभी मैं ने
जो दोस्ती में हदें भूल जाने वाले थे

मैं जिन को जान के पहचान भी नहीं सकता
कुछ ऐसे लोग मिरा घर जलाने वाले थे

हमारा अलमिया ये था कि हम-सफ़र भी हमें
वही मिले जो बहुत याद आने वाले थे

'वसीम' कैसी तअल्लुक़ की राह थी जिस में
वही मिले जो बहुत दिल दुखाने वाले थे।

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