अच्छा है जो मिला वह कहीं छूटता गया - वसीम बरेलवी Achha Hai, Jo Mila - Waseem Barelvi

Hindi Kavita

Hindi Kavita
हिंदी कविता

अच्छा है जो मिला वह कहीं छूटता गया - वसीम बरेलवी
Achha Hai, Jo Mila, Wah Kahi Chhootata Gaya - Waseem Barelvi


अच्छा है जो मिला वह कहीं छूटता गया
मुड़ मुड़ के ज़िन्दगी की तरफ देखना गया

मैं खाली ज़ेब सब की निगाहों में आ गया
सड़कों पे भीख मांगने वालों का क्या गया

जाना ही था तो जाता उसे इख़्तियार था
जाते हुए ये बात मुझे क्यों बता गया
Wasim-Barelvi
क्यों मुझमें ढूंढता है वह पहला सा ऐतबार
जब उसकी ज़िन्दगी में कोई और आ गया

उसने भी छोड़ दी मेरे बारे में गुफ्तगू
कुछ दिन के बाद मैं भी उसे भूल-सा गया

मेले की रौनकों में बहुत ग़ुम तो हो 'वसीम'
घर लौटने का वक़्त मियां सर पे आ गया।

(getButton) #text=(Jane Mane Kavi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Hindi Kavita) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(Wasim Barelvi) #icon=(link) #color=(#2339bd) (getButton) #text=(मेरा क्या - बरेलवी) #icon=(link) #color=(#2339bd)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!