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Ashok Chakradhar ka jeevan parichayअशोक चक्रधर का जीवन परिचय
डॉ. अशोक चक्रधर (८ फ़रवरी सन् १९५१-) कवि एवं लेखक हैं। उनका हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है । उनका जन्म खु्र्जा (उत्तर प्रदेश) के अहीरपाड़ा मौहल्ले में हुआ। उनके पिताजी डॉ. राधेश्याम 'प्रगल्भ' अध्यापक, कवि, बाल साहित्यकार और संपादक थे।
उन्होंने 'बालमेला' पत्रिका का संपादन भी किया। उनकी माता कुसुम प्रगल्भ गृहणी थीं। उन्होंने टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में भी काम किया है । वह जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद केन्द्रीय हिंदी संस्थान तथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। २०१४ में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
उनके कविता संग्रह हैं:- बूढ़े बच्चे, सो तो है, भोले-भाले, तमाशा, चुटपुटकुले, हंसो और मर जायो, देश धन्या पंच कन्या, ए जी सुनिए, इसलिये बौड़म जी इसलिये, खिड़कियाँ, बोल-गप्पे, जाने क्या टपके, चुनी चुनाई, सोची समझी, जो करे सो जोकर, मसलाराम आदि।