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Allah Yar Khan Jogi ka jeevan parichay
अल्लाह यार ख़ां जोगी का जीवन परिचय
अल्लाह यार ख़ां जोगी उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के शुरू में हुए हैं। वह धार्मिक मनुष्य थे, परन्तु सभी अच्छे मनुष्यों के प्रति उनके मन में श्रद्धा और प्यार था । उन्होंने श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों की शहादत से सम्बन्धित दो मरसिये लिखे। शहीदान-ए-वफ़ा में छोटे साहिबज़ादों और गंज-ए-शहीदां में बड़े साहिबज़ादों की शहादत का मार्मिक वर्णन किया गया है।
अल्लाह यार ख़ां जोगी की कविता | Allah Yar Khan Jogi ki Kavita |
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गंज-ए-शहीदां-अल्लाह यार ख़ां जोगी | Ganj-e-Shaheedan in Hindi Allah Yar Khan Jogi |
शहीदान-ए-वफ़ा-अल्लाह यार ख़ां जोगी | Shaheedan-e-Wafa Allah Yar Khan Jogi |
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