खड़ी बोली लोक गीत Khari Boli Lok Geet

Hindi Kavita

khadi boli
Khari Boli Lok Geet

बारह बरस में री जोगी आयो रे - khadi boli

बारह बरस में री जोगी आयो रे

अरे जोगी आये मैया के दरबार,

सुनो जी राजा भरथरी 

भिक्षा को डारो री मैया तावली

अरी मैया कब से खड़ें हैं तेरे द्वार

सुनो जी राजा भरथरी

 

भिक्षा तो डारति मैया रो पड़ी

अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो लाल

सुनो जी राजा भरथरी

 

तू तो री मैया मेरी बावली

अरी मैया मेरी सूरति को कोई और

सुनो जी राजा भरथरी

 

बारह बरस में री जोगी आयो रे

अरे जोगी आये बहना के दरबार,

सुनो जी राजा भरथरी

Khari-Boli-Lok-Geet

भिक्षा को डारो री बहना तावली

अरी बहना कब से खड़ें हैं तेरे द्वार

सुनो जी राजा भरथरी

 

भिक्षा तो डारति बहना रो पड़ी

अरे जोगी तेरी सूरति को मेरो भ्रात

सुनो जी राजा भरथरी

 

तू तो री बहना मेरी बावली

अरी बहना मेरी सूरति को कोई और

सुनो जी राजा भरथरी

 

बारह बरस में री जोगी आयो रे

अरे जोगी आये रानी के दरबार,

सुनो जी राजा भरथरी

 

भिक्षा को डारो री रानी तावली

अरी रानी कब से खड़ें हैं तेरे द्वार

सुनो जी राजा भरथरी

 

भिक्षा तो डारति रानी रो पड़ी

अरे जोगी तेरी सूरति के मेरे कंत

सुनो जी राजा भरथरी

 

तू तो री रानी मेरी बावली

अरी रानी मेरी सूरति को कोई और

सुनो जी राजा भरथरी

जच्चा मेरी भोली - khadi boli

1

जच्चा मेरी भोली–भाली री

के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री

सास-नणद की चुटिया फाड़ै

आई गई का लहँगा री

के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री

ससुर –जेठ की मूछैं फाड़ै

आए- गए का खेस उतारै

के जच्चा मेरी लड़णा ना जाणै री

जच्चा मेरी भोली–भाली री

 

मैं याणी-स्याणी मेरा घर न लुटा दियो - khadi boli

मैं याणी-स्याणी मेरा घर न लुटा दियो ।

सासू की जगह मेरी अम्मा को बुला दियो

मैं याणी-स्याणी मेरा घर न लुटा दियो

सासू का नेग मेरी अम्मा को दिला दियो

बक्से चाबी मेरी चोटी मैं बाँध दियो

मैं याणी-स्याणी मेरा घर न लुटा दियो ।

ननद की जगह मेरी बहना को बुला दियो

ननदण का नेग मेरी बहना को दिला दियो

मैं याणी-स्याणी मेरा घर न लुटा दियो ।

होलर का बाबा - khadi boli

होलर का बाबा यूँ कहै-

तुम खरचो दाम बतेरे

होलर की दादी ये कहै-

होलर कै हुण्डी लाया

सिर ते सरफुल्ला आया

पैरों से नंगा आया

हाथों की मुट्ठी भींच कै

सिर पै झण्डूले लाया ।

 

होलर का ताऊ यूँ कहै-

तुम खरचो दाम बतेरे

होलर की ताई यूँ कहै-

होलर कै हुण्डी लाया

सिर ते सरफुल्ला आया

पैरों से नंगा आया

हाथों की मुट्ठी भींच कै

सिर पै झण्डूले लाया ।

 

(होलर=नवजात शिशु, सरफुल्ला=नंगे सिर

झण्डूले=बच्चे के सिर के नवजात बाल)

एक रंगमहल की खूँट - khadi boli

एक रंगमहल की खूँट

 

जिसमें कन्या नै जनम लिया ।

एक रंगमहल की खूँट

जिसमें कन्या नै जनम लिया ।

बाबा तुम क्यों हारे हो

दादसरा म्हारा जीत चला ।

एक रंगमहल की खूँट…………

 

पोती तेरे कारण हारा हे

पोते के कारण जीत चला ।

एक रंगमहल की खूँट………

 

उसके पिताजी को फिकर पड़ ग्या

पिताजी तुम क्यों हारे हो

ससुरा तो म्हारा जीत चला ।

एक रंगमहल की खूँट………।

 

बेटी तेरे कारण हारा हे

बेटे के कारण जीत चला ।

एक रंगमहल की खूँट…

काला पति-काले री बालम - khadi boli

काले री बालम मेरे काले,

काले री बालम मेरे काले ।

 

जेठ गए दिल्ली ससुर बम्बई,

काला गया री कलकता नगरिया,

काले री बालम मेरे काले ।

 

जेठ लाए लड्डू, ससुर लाए बर्फ़ी,

काला लाया री काली गाजर का हलुआ,

काले री बालम मेरे काले ।

 

जेठ लाए साड़ी, ससुर लाए अँगिया,

काला लाया री, काली साटन का लहँगा,

काले री बालम मेरे काले ।

 

जेठ लाए गुड्डा, ससुर लाए गुड़िया

काला लाया री, काली कुत्ती का पिल्ला,

काले री बालम मेरे काले ।

आर्यों का प्रण (हँसी गीत) - khadi boli

 

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

जै तेरा ससुरा मन्दी ऐ बोल्लै

पत्थर की बण जाइयो मेरी लाड्डो

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरी सासु गाळी ऐ देगी

ले मूसळ गदकाइयो मेरी लाड्डो

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरा जेठा मन्दी ऐ बोल्लै

घूँघट मैं छिप जाइयो मेरी लाड्डो

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरी जिठाणी गाळी देगी

ले सोट्टा गदकाइयो मेरी लाड्डो ।

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरा देवरा मन्दी ऐ बोल्लै

हाँसी मैं टळ जाइयो मेरी लाड्डो

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरी नणदा गाळी ऐ देगी

चुटिया पकड़ घुमाइयो मेरी लाड्डो

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

 

जो तेरा राजा मन्दी ऐ बोल्लै

कुछ न पलट कै कहियो मेरी लाड्डो ।

आर्यों का प्रण निभाइयो मेरी लाड्डो

कम उम्र का अधपढ़ा पति-पति पढ़ण चले - khadi boli

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच

परचा भूल गए मास्टर नै मारा रूल ।

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

पति रोवण लगे ये वे आए गोरी पास

-मास्टर ! क्यूँ मारा रे मेरा याणा –सा भरतार

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

बेब्बे यूँ मार्या ये कि नौंवीं हो गया फ़ेल ।

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

-मास्टर यूँ न जाणै ओ, तेरे से ज्यादा ज्ञान

मैं तो आप पढ़ा लूँगी, हो दसवीं करादूँ पास

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

पति पढ़ण चले वे आए गोरी पास

हरफ़ भूल गए वो गोरी नै मारी लात

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

पति रोवण लगे ये वो आए अम्मा पास

बेट्टा चुप रह्वो रे, बहुओं का आग्या राज ।

पति पढ़ण चले ये वे गए स्कूलों बीच…

 

(पढ़ाई पूरी किए बिना शादी कर लेने से क्या

दुर्गति होती है, इस गीत में सहज भाव से

बताया गया है ।पत्नी पढ़ी –लिखी है। वह

पति को खुद पढ़ा लेने की ज़िम्मेदारी लेती

है पर सफल नहीं हो पाती है)

मेरे सिर पै बंटा टोकणी - khadi boli

मेरे सिर पै बण्टा टोकणी, मेरे हाथ में लेज्जू डोल

मैं पतळी –सी कामिनी, मेरे हाथ में लेज्जू डोल

एक राहे मुसाफ़िर मिल गया

-छोरी प्यासे को दो पाणी पिलाय

मैं परदेसी दूर का।

-छोरे ना मेरी डूबै डोलची

छोरे ना मेरा निवै सरीर

मैं पतळी –सी कामिनी …

-छोरे किसके हो तुम पावहणे

छोरे किसके हो लेवणहार,

मैं पतळी –सी कामिनी, …

-छोरी बाप तेरे का मैं पावहणा

छोरी तेरा हूँ लेवणहार,

मैं पतळी –सी कामिनी, …

-छोरे अब मेरी डूबै डोलची,

अब मेरा निवै सरीर

मैं पतळी –सी कामिनी …

-छोरी अब कैसे डूबै तेरी डोलची

छोरी अब कैसे निवैं सरीर,

तू पतली-सी कामिनी

-छोरे डुबक-डुबक डूबी डोलची

छोरे तुड़ –मुड़ निवै सरीर,

मैं पतळी –सी कामिनी …

बहू की शर्त व ताकत-कोठे ऊप्पर कोठड़ी - khadi boli

कोठे ऊपर कोठड़ी, मैं उस पर रेल चला दूँगी।

जो सासू मेरी प्यार करै, मैं तेरे पाँव दबा दूँगी

जो सासू मेरी लड़ै लड़ाई, रोट्टी से तरसा दूँगी॥

कोठे ऊपर कोठड़ी…

 

जो जिठाणी प्यार करै, तेरा सारा काम करा दूँगी ।

जो जिठाणी लड़ै लड़ाई, दो चूल्हे करवा दूँगी ।

कोठे ऊपर कोठड़ी…

 

जो देवर मेरा प्यार करै, एम ए पास करा दूँगी।

जो देवर मेरा लड़ै लड़ाई, मूँगफली बिकवा दूँगी।

कोठे ऊपर कोठड़ी…

 

जो नणदल मेरी प्यार करै, तेरा ब्याह करा दूँगी

जो नणदल मेरी लड़ै लड़ाई, मैके को तरसा दूँगी ।

कोठे ऊपर कोठड़ी…

पचरंगी चीरा बाँध बीरण - khadi boli

बहू की विवशता

-पंचरंगी चीरा बाँध कै

बीरण मेरा घेरों में बैठ्या री

हेरी सासू झटपट दे दे न दूध,

बीरण मेरा निरणों बासी री

हे बहू इतनी क्यों तारै तावळ

 

जलै न ल्हासी दे दो री ।

पंचरंगी चीरा…

-हे री तेरी हाण्डी मैं मारूँ ईंट

भूरी पै चोर लगा दूँ री ।

पंचरंगी चीरा……

हेरी बहू ऐसे न बोल्लै बोल-

भेज कै नाँव भी नी लेणे की-

पंचरंगी चीरा……

हे री मैं नौं भाइयों की बाहण-

भतीजे मेरे बहुत घणै-

पंचरंगी चीरा……

-हे री वे देंगी अपनी जूठ जली का पेट भरैगा री-

पंचरंगी चीरा……

ठाकै बण्टा टोकणी (पनघट-गीत) - khadi boli

ठायकै बंटा टोकणी, कुएँ पै आई हो ।

 

कुएँ पै कोई ना, एक परदेसी छोहरा …

पाणी वाळी पाणी पिला दे, तुझै देखकै आया हो

हो इन बागों के मैं नींबू और केळे –सी मिलाई…

ठायकै बंटा टोकणी, कुएँ पै आई हो।

 

पाणी तो मैं जभी पिलाऊँ, माँज टोकणी ल्यावै

हो मेरी सुणता जइए बात बता दूँगी सारी हो…

बाबुल तो मेरा छाँव मैं बैट्ठा

अम्मा दे रही गाळी हो

हो मेरी भावज लड़ै लड़ाई, इतनी देर कहाँ लाई ।

ठायकै बंटा टोकणी, कुएँ पै आई हो

 

-ना तेरा बाबुला छाँव मैं, ना तेरी अम्मा दे गाळी

हो हो ना तेरी भावज लड़ै

हो मेरी गूँठी ले जा

चल तेरी यही है निशानी,

ठायकै बंटा टोकणी, कुएँ पै आई हो।

सासू पनियाँ कैसे जाऊँ (पनघट-गीत) - khadi boli

सासू पनिया भरन कैसे जाऊँ, रसीले दोऊ नैना ।

बहू ओढ़ो चटक चुनरिया, सर पै राखो गगरिया

बहू मेरी छोटी नणद लो साथ, रसीले दोऊ नैना ।

मन्नै ओढ़ी चटक चुनरिया, सर ऊपर रखी गगरिया

हेरी मन्नै छोटी नणद ली साथ, रसीले दोऊ नैना ।

तू बैज्जा पीपल छैंया, मैं भर लाऊँ जल गगरिया

ननदी घर नी जाकर बोल-

भाभी के पनघट पै दोस्त। रसीले दोऊ नैना ।

मेरी ननदल बड़ी हठीली, एक-एक की दो-दो लगावै

बरसात मैं करूँ तेरी सादी

गरमी मैं करूँ तेरा गौणा

भेजकर ना लूँ तेरा नाम, रसीले दोऊ नैना

बेल्ला ले रही दूध का - khadi boli

बेल्ला ले रही दूध का

मुट्ठी मैं ले रही बूरा

बैट्ठे होकै पीलो जी राजा

सगी नणदी के बीरा ।

-बेला रख दो दूध का

मुट्ठी का रख दो बूरा

सच्चमसच बताओ मेरी गोरी

क्यों रोई थी रात मैं ?…

-सच्चमसच बताऊँ मेरे राजा

छोड़ चले परदेस नैं…

-सुसरा धोरै रहियो ओ गोरी

सुसरा सूबेदार सै

-सुसरा धोरै कोन्नै रहती

सासू का घरबार सै…

-जेट्ठा धोरै रहियो ओ गोरी

जेट्ठा थाणेदार सै …

- जेट्ठा धोरै कोन्नै रहती

जेठाणी लड़ै दिन –रात सै…

-देवरा धोरै रहियो ओ गोरी

देवरा थारा प्यार सै…

-देवरा धोरै कोन्नै रहती

देवरा का क्या अतबार सै …

-पीहर मैं चली जइयो ओ गोरी

पीहर थारा गाम सै

-पीहर मैं ना जाऊँगी जी राजा जी

भाई-भौजियों का राज सै …

-कुएँ मैं गिर जइयो ओ गोरी

कुआँ थारे बार सै

-कुएँ मैं ना डूबूँ जी राजा जी

कुएँ की म्हारै आण सै…

-म्हारी गेलौं चलियो वै गोरी

तू मेरी प्यारी नार सै

-थारी गेलौं जाऊँगी राजा जी

तुम मेरे भरतार सै …

नटवर नै भेस - khadi boli

मनिहार कृष्ण

नटवर नै भेस बनाया

ब्रज चूड़ी बेचने आया

कोई चूड़ी पहन लो छोरियो ऽ ऽ

सखियों ने सुना राधा से कहा

राधा ने झट बुलवाया,

ब्रज चूड़ी बेचने आया।

राधा पहरन लगी

स्याम पहराने लगे

उसने कसकर हाथ दबाया,

ब्रज चूड़ी बेचने आया ।

राधा जाण गई

कोई छलिया है ये

चलिए ने छल दिखलाया,

ब्रज चूड़ी बेचने आया ।

नटवर नै भेस बनाया

बारह बरस पीछै (विरह-गीत) - khadi boli

(बड़ी–बूढ़ी औरतें इस कथात्मक गीत को

गाने से मना करती हैं ।इस गीत की करुणा

हृदय को पिघलाने वाली है ।)

 

बारह बरस पीछै राजा घर आए

बैठो न बैठो मूढ़ला बिछाय हो …

-क्या कुछ तो रे जिज्जा लाए हो कमाए कै

क्या कुछ लाए हो बसाए कै……

-पान सौ रुपए रै सालै ल्याया कमाए कै

ढ़ाई सौ की घड़ी बँधाई है …

-भूरी भैंस का री अम्मा दूध काढ़ियो

-हारे मैं खीर रँधायो री…

-जितना पतीले मैं दूध घणा है

-उतना ही जहर मिलाइयो री…

-चलो जिज्जा जी भोजन जीम लो

करी रसोई ठण्डी हो गई है .…

कोट्ठे अन्दर खड़ी रै कामनी

वहीं से हाथ हिला रही हो …

-इस भोजन को पति मत जिमियो

सर पै काल घोर रह्या हो …

-आज तो साले जी मैं पुन्नो का बरती

कल को ही रोट्टी खाएँगे…

-चलो जिज्जा जी घुमण चाल्लैं

बनखण्ड के हो बीच रै …

इक बण लाख्या दूजा बण लाख्या

तीजै मैं कुल्हाड़ी उठाई हो …

पहली कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या

हो लिये पेड़ों की ओट हो…

दूजी कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या

ले ली हाथों की ओट हो…

तीजी कुल्हाड़ी साला मारण लाग्या

कर दिया सीस अलग हो

-सखी –सहेलियाँ कट्ठी होय कै

चलो बन खण्ड के बीच हो …

इक बण लाख्या दूजा बण लाख्या

तीजे मैं लाश पति की हो…

-क्या तो पति जी तुमैं गोद उठा लूँ हो

क्या तुम्हैं छतियाँ से ल्यालूँ हो…

-जा रे बीरा तेरा नास रे होइयो

चढ़ती बेल उतारी हो…

किसकी तो रे बीरा सेज बिछाऊँ

किसके लाल खिलाऊँ हो…

-बीरा की ऐ ओब्बो सेज बिछाओ

भतीजे गोद खिलाओ हे…

-आग लगाऊँ बीरा तेरी सेज मैं

परे बगैलूँ भतीजों को हो

अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया - khadi boli

अरे बरसन लागे बुंदिया चला भागा पिया,

अरे घूंघटा भीगे तो भिजन दे....

अरे अंखिया ले चल बचाई पिया,

अरे नथ भीजे तो भीजन दे...

अरे होंठवां ले चल बचाई पिया

अरे चोलीया भीजे तो भीजन दे....

अरे जुबना ले चल बचाइ पिया

अरे लहंगा भीजे तो भीजन दे...

अरे जंघिया ले चल बचाइ पिया

कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ - khadi boli

कोऊ दिन उठ गयो मेरा हाथ

बलम तोहे ऐसा मारूँगी

ऐसा मारूँगी बलम तोहे ऐसा मारूँगी

 

चकला मारूँ, बेलन मारूँ, फुँकनी मारूँगी

जो बालम तेरी मैया बचावै

वाकी चुटिया उखाड़ूँगी

 

थाली मारूँ, कटोरी मारूँ, चम्मच मारूँगी

जो बालम तेरी बहना बचावै

वाकी चुनरी फाड़ूंगी

 

लाठी मारूँ डंडा मारूँ थप्पड़ मारूँगी

जो बालम तेरो भैया बचावै

वाकी मूँछे उखाड़ूँगी

माई री मैं टोना करिहों - khadi boli

माई री मैं टोना करिहों

मई री मैं टोना करिहों

 

कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरया की आँख रे-2

इन तीनन को सुर्मा करिहों-2 सुर्मा बनाय पिया की आखिन लगैहों-2

वो ओ तके न पराई नार रे-2

माई री मैं टोना करिहों-2

 

कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे-2

इन तीनन को ताबीज बनैहों-2 बांधूं बांधूं पिया के हाथ रे-2

बाँधे ताबीज पिया हाथ न हिलैहे-2 वो तो छुवे न पराई नार रे-2

माई री मैं टोना करिहों-2

 

कागा की चोंच कबूतर के डैना उड़त चिरैया की आँख रे-2

इन तीनन को भसम बनैहों-2 लगाऊं पिया के पैर रे-2

भसम लगाय पिया पैर न चलिहें-2 वो तो चढ़े न पराई सेज रे-2

माई री मैं टोना करिहों-2 


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