गुलज़ार का जीवन परिचय
Gulzar ka jivan parichay
ग़ुलज़ार | Gulzar नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (१८ अगस्त १९३६) प्रसिद्ध गीतकार, कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं।उनकी रचनाएँ हिन्दी, उर्दू पंजाबी, ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में हैं । गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सृजक हैं ।उनको सहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण, सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार, ग्रैमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के सम्मान मिल चुके हैं ।
उनका जन्म भारत के जेहलम जिला पंजाब के दीना गाँव (अब पाकिस्तान) में हुआ था। बंट्वारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब, भारत) आ गया, फिर गुलज़ार मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम करने लगे और खाली समय में कवितायें लिखने लगे। फ़िल्मों में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। फ़िल्म बंदनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा।
गुलज़ार के रचनात्मक लेखन:
- चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962)
- जानम (कविता संग्रह, 1963)
- एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972)
- रावी पार (कथा संग्रह, 1997)
- रात, चाँद और मैं (2002)
- रात पश्मीने की, खराशें (2003)
- पुखराज
Gulzar की चुनिंदा कविताएं | Gulzar Selected Poems
मुझको इतने से काम पे रख लो - Gulzar
तेरी आँखें तेरी ठहरी हुई ग़मगीन-सी आँखें - Gulzar