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विरह गान - प्रेम ठक्कर | Virha Geet - Prem Thakker
Hindi Kavita हिंदी कविता "विरह गान" तेरे बिन सुनी.....लगे ये रातें है इंतज़ार करती मेरी आँखें है (2) हे दिकु.…
फ़रवरी 22, 2024
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Hindi Kavita हिंदी कविता "लौट आना" सुनो दिकु... प्रेम का इंतज़ार आज भी जारी है हो सके तो लौट आना
Hindi Kavita हिंदी कविता "वादा" सुनो दिकु... तुम से मिली मोहब्बत को कभी झुकने नहीं दूंगा वादा करता हूँ इंतज़ा…
Hindi Kavita हिंदी कविता "प्रभु श्री राम" हे प्रभु श्री राम अब तो मान जाओ ना मुझे अपनी दिकु वापस लौटाओ ना